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बारिश कहीं रिमझिम कहीं जोरदार बरसती है आजकल मेरी

बारिश कहीं रिमझिम कहीं जोरदार बरसती है 
आजकल मेरी आंखें उसे देखने को तरसती है
 सर्दी के मौसम में उसके चेहरे से और भी कयूटनेश झलकती है 
जब वह सूड सूड करती है और उसकी नाक टपकती है...
    
         धीरज सैनी धीर @@***

©Dheeraj saini dheer
  बारिश कहीं रिमझिम कहीं जोरदार बरसती है
 आजकल मेरी आंखें उसे देखने को तरसती है 
सर्दी के मौसम में उसके चेहरे से और भी कयूटनेश झलकती  है 
जब वह सूड सूड करती है और उसकी नाक टपकती है

बारिश कहीं रिमझिम कहीं जोरदार बरसती है आजकल मेरी आंखें उसे देखने को तरसती है सर्दी के मौसम में उसके चेहरे से और भी कयूटनेश झलकती है जब वह सूड सूड करती है और उसकी नाक टपकती है #शायरी

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