अंधेरा है मेरे दिल की गलियों में मुहब्बत बैसाखियों के सहारे चलती है नसीहत सभी ने यही दी है हमको कोशिशों पर ही सबकी दुनियां चलती है कभी थामा हाथ तो कभी छोड़ दिया यहां सबकी अपनी मनमर्जियां चलती है यूँ तो मेरे इर्द-गिर्द अपनों की भीड़ है लेकिन हाथ पकड़कर सिर्फ तनहाइयाँ चलती हैं !! ©Anjali Nigam #मनमर्जी