कई मना रहे हैं मुझको, तो कई मुझसे रूठे भी हैं, जो सच्चे हैं वो तो हैं ही मेरे करीब , फिक्र इस बात कि है कि कई उनमें झूठे भी हैं ।। #डरलगताहै #झूठों #से #हैरानहूँ