(तुम्हारा मक़्सद-ए-पैदाइश तो ये है कि तुम आपसी मेल-ओ-मोहब्बत की फ़िज़ा क़ाएम करो ख़ालिक़-ओ-मख़्लूक़ से नाता जोड़ो न कि इख़्तिलाफ़ की आड़ में आपसी तफ़र्क़ा और जुदाई पैदा करो)। ©Saheb Ahmedabadi #Rumi #persian #ishq