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कुछ समझ मे नही आता हैं कभी कभी ? वो नंगे पाँव बार

कुछ समझ मे नही आता हैं कभी कभी ?

वो नंगे पाँव बारिश में दोनो हाथ फैलाए मस्ती में भीगता हुआ घर जा रहा था....

और मैं ऐसा चाह कर भी नहीँ कर पाया क्योंकि मेरी जेब में दो मोबाइल, कुछ नोट, हाथ में ब्राण्डेड वॉच और पैरों मैं लेदर शुज थे.

समझ नही आ रहा है की अमीरी मुझे सुख दे रही है या फकीरी उसको...                      
🌧🌧🌧 

Happy Monsoon.... कुछ समझ मे नही आता हैं कभी कभी ?

वो नंगे पाँव बारिश में दोनो हाथ फैलाए मस्ती में भीगता हुआ घर जा रहा था....

और मैं ऐसा चाह कर भी नहीँ कर पाया क्योंकि मेरी जेब में दो मोबाइल, कुछ नोट, हाथ में ब्राण्डेड वॉच और पैरों मैं लेदर शुज थे.

समझ नही आ रहा है की अमीरी मुझे सुख दे रही है या फकीरी उसको...                      
🌧🌧🌧
कुछ समझ मे नही आता हैं कभी कभी ?

वो नंगे पाँव बारिश में दोनो हाथ फैलाए मस्ती में भीगता हुआ घर जा रहा था....

और मैं ऐसा चाह कर भी नहीँ कर पाया क्योंकि मेरी जेब में दो मोबाइल, कुछ नोट, हाथ में ब्राण्डेड वॉच और पैरों मैं लेदर शुज थे.

समझ नही आ रहा है की अमीरी मुझे सुख दे रही है या फकीरी उसको...                      
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Happy Monsoon.... कुछ समझ मे नही आता हैं कभी कभी ?

वो नंगे पाँव बारिश में दोनो हाथ फैलाए मस्ती में भीगता हुआ घर जा रहा था....

और मैं ऐसा चाह कर भी नहीँ कर पाया क्योंकि मेरी जेब में दो मोबाइल, कुछ नोट, हाथ में ब्राण्डेड वॉच और पैरों मैं लेदर शुज थे.

समझ नही आ रहा है की अमीरी मुझे सुख दे रही है या फकीरी उसको...                      
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