ये इठला करके फैशन के नशे में चूर हो जाना, फतह कर उम्र का दरिया चमक कर नूर हो जाना, तभी अक्सर चली जाती है ब्यूटी पार्लर में वो, कि चाहत है छिपी दिल में मिसाल-ए-हूर हो जाना, मिली जो काम से फुर्सत भुलाकर जिम्मेदारी को, घरों की हाय तौबा से भी बिल्कुल दूर हो जाना, मगर ये बात बेगम की समझ में क्यूं नहीं आती, कि मुमकिन ही नहीं किशमिश का फिर अंगूर हो जाना। - देवेश द्विवेदी 'देवेश' ©देवेश द्विवेदी 'देवेश' #कि_मुमकिन_ही_नहीं_किशमिश_का_फिर_अंगूर_हो_जाना ये इठला करके फैशन के नशे में चूर हो जाना, फतह कर उम्र का दरिया चमक कर नूर हो जाना, तभी अक्सर चली जाती है ब्यूटी पार्लर में वो, कि चाहत है छिपी दिल में मिसाल-ए-हूर हो जाना,