गर कभी उसके अधरों की मुस्कान पर फिसले हो तुम, तो कन्हैय्या हो तुम । गर कई दफ़ा गिर के हर बार संभले हो तुम, तो कन्हैय्या हो तुम । गर बहुत बड़े बनकर भी अपने मित्र को नहीं भूले हो तुम, तो कन्हैय्या हो तुम । गर किसी पेड़ पर लटके रस्सी वाले झूले पर झूले हो तुम, तो कन्हैय्या हो तुम । गर कभी किसी दोस्त को उधार दिया है तुमने, तो कन्हैय्या हो तुम । गर अपनी माँ से बेहद प्यार किया है तुमने, तो कन्हैय्या हो तुम । गर कभी किसी राधा को छोड़ा है तुमने, तो कन्हैय्या हो तुम । गर किसी और से नाता जोड़ा है तुमने, तो कन्हैय्या जो तुम । कन्हैय्या हो तुम #krishna #janmashtmi #kanhaiyya