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हुस्न का घमंड न कर, न नाज कर तू खुदाई पर, मेरे जना

हुस्न का घमंड न कर, न नाज कर तू खुदाई पर,
मेरे जनाजे पर माँ मेरी सागर छलका देगी,
आंगन को दुःख होगा न तेरे रुकसत का न शहनाई रोयेगी विदाई पर।
                                                   @रK विदाई पर
हुस्न का घमंड न कर, न नाज कर तू खुदाई पर,
मेरे जनाजे पर माँ मेरी सागर छलका देगी,
आंगन को दुःख होगा न तेरे रुकसत का न शहनाई रोयेगी विदाई पर।
                                                   @रK विदाई पर
rahulkumar2156

Rahul

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