हुस्न का घमंड न कर, न नाज कर तू खुदाई पर, मेरे जनाजे पर माँ मेरी सागर छलका देगी, आंगन को दुःख होगा न तेरे रुकसत का न शहनाई रोयेगी विदाई पर। @रK विदाई पर