रंग चढ़े इस होली जो तुझ पे वो सिर्फ मेरा, किसी हज़ार का न हो सूखी मानूँगा अपनी होली तब तक जब तक उसमें रंग मेरे यार का न हो हँसे वादी तेरे खिलने से उसमे कोई हिस्सा बहार का न हो मेरी होली होली कहाँ है तब तक जब तक रंग मेरे यार का न हो सुना है वक्त मिलता है सबको ऐतवार को पर मैं तुम्हे मिलू वो दिन ऐतवार का न हो बेरंग ही होगी रंगों की होली मेरी जब तक उसमे रंग मेरे यार का न हो क्या हसीन होगी मोहब्बत वाली होली मेरी जब इन रंगों में एक रंग इज़हार का हो बेसक आसमान से बरसे गुलाल मुझ पर पर रंग चढ़े वही ,जो मेरे यार का हो #NojotoQuote