Nojoto: Largest Storytelling Platform

टटे परिंदे... कहते नहीं टूट गया मैं, वे उठकर फिर

टटे परिंदे... 
कहते नहीं टूट गया मैं,
 वे उठकर फिर खड़े होते हैं,
टूटे परिंदे ....
जिंदगी को छोड़ते नही,
 जिंदगी को जीते हैं,
टूटे परिंदें....
 कभी अपनी उम्मीद खो देते हैं,
 कभी अपनी जिंदगी खो देते हैं,

क्या तकदीर भी उनकी होती? 
उस वक्त उन्हें प्यार देता नहीं कोई, 
रह जाते उनके अपने नगमे, 
रह जाती उनकी अपनी दर्द भरी यादें,
 लोग तो साथ छोड़ ही देते हैं, 
अब जिंदगी भी उनका साथ छोड़ देती है.....

©SUJATA KUMARI
  #alonelove