माँ दुर्गा के, मस्तक सोहे लाल, लाल सिंदूर, लाल महावर, बिंदिया चमके लाल, लाल चूनरिया मे लिपटी, वधू लगाती फेरे सात, लाल है चूड़ी, लाल तिलक है, हवन मे जलती अग्नि का, ताप है लाल, रक्त शिराओं मे बहता, वो रूधिर भी है लाल-लाल, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #रंग_लाल माँ दुर्गा के, मस्तक सोहे लाल, लाल सिंदूर, लाल महावर,