इंसानियत पर शर्म है.. नारी के सम्मान की संस्कृति वाला देश । क्यों उसके सम्मान को देता हर पल कोई ठेस ।। अब कहा गए वो मर्द जो नारियों को करते थे सत्कार..?? इंसानियत पर शर्म है.. देश है अशुरीक्षित, और करना है इन्हें विकास । खड़े हो उन लोगो के दम पर, और उनकी उम्मीदों की लाश !! कब किसी बेटे को मारा जाता, कब किसी बेटी के साथ अन्या, ऐसे ही चलता रहा क्या खत्म होगी मक्कारी और बलात्कार..?? इंसानियत पर शर्म है.. बस सत्ते में बैठे लोगो को उस खुर्सी का गुरूर है । खुले आम घूम रहे हैवान, हवस के नशे में चकनाचूर है ।। मौत से बढ़कर सजा दी किसी मासूम को, क्या वो देश की बेटी थी, यही उसका कसूर है..?? इंसानियत पर शर्म है.. 🙏🙏 ©प्रीतम क्षीरसागर 😊 #इंसानियत_ख़तम #Stoprape