राधा किशन खेलत हे होरी ।। 2 ।। संग म नाचत हे, संग म नाचत हे ।। 2 ।। बिरज के गोपी गवालन के टोली ।। 2 ।। संग म नाचत हे, बिरज के गोपी गवालन के टोली ।। 2 ।। राधा किशन खेलत हे होरी, राधा किशन खेलत हे होरी ।। भागत हावे येती वोती बिरज के जम्मो राधा ।। 2 ।। धर धर के रंग लगावये बिरज के नंदलाला ।। 2 ।। भागत हावे येती वोती बिरज के जम्मो राधा, धर धर के रंग लगावये बिरज के नंदलाला, छेंकत हावे रददा म सब ल गोपाला ।। 2 ।। बच के कहां जाबे आज रंग दिही मुरली वाला ।। 2 ।। छेंकत हावे रददा म सब ल गोपाला, बच के कहां जाबे आज रंग दिही मुरली वाला, आज माते हे चारो मुड़ा गुलाल ।। 2 ।। राधा किशन खेलत हे होरी ।। 2 ।। संग म नाचत हे, बिरज के गोपी गवालन के टोली ।। सुघ्घर सरोवर के धार आज रंगे रंग बोहावत हे ।। 2 ।। किशन ल बिठाए राधा झूलना म झुलावत हे ।। 2।। सुघ्घर सरोवर के धार आज रंगे रंग बोहावत हे, किशन ल बिठाए राधा झूलना म झुलावत हे, मुस्काये कन्हैया देख राधा ह लजावात हे ।। 2 ।। बंसी के धुन संग राधा पैरी ल बजावत हे ।। 2 ।। मुस्काये कन्हैया देख राधा ह लजावात हे, बंसी के धुन संग राधा पैरी ल बजावत हे, रंग दिए पूरा संसार ल ।। 2 ।। राधा किशन खेलत हे होरी ।। 2 ।। संग म नाचत हे, बिरज के गोपी गवालन के टोली ।। #chhattisgarh #chhattisgarhi #festival #aestheticthoughts #freshthoughts #life #happiness #musingtime