दूर जो महबूब है मिलने बुलाना प्यार है फिर सामने ही बैठ कर नजरे चुराना प्यार है जोक पढ़ना और उनको बिन हसे ही छोड़ देना रात दिन जब चैट करना तब मुस्कुराना प्यार है जेब में पर्चा रखा हो भूलना तब भी किराना और उनको याद करके गुनगुनाना प्यार है खुद ही करके गलतियां फिर दोस्त को उल्टा सुनाना और उनकी गलती पर भी उनको ही मनाना प्यार है ख्वाब में और बात में जब मन करे तब चूम लेना और मिलने पर उन्हे ही छू न पाना प्यार है ©Pramudit Pandey krishn" #bornfire #pyar_hai #Mehboob #