चांदनी रातों में, अधूरी-सी बातों में तुम हो खूबसूरत नजारों में, बसंत और बहारों में तुम हो बागीचे के आमों में, अकेली इन शामों में तुम हो दिन के कामों में, कीमत और दामों में तुम हो। सागर की लहरों में, जिंदगी की पहरों में तुम हो दिल की तस्वीरों में, हाथों की लकीरों में तुम हो तुम हो, तुम हो, तुम हो... मगर अभी तक तुम मौन हो, ना जाने की तुम कौन हो? ©Raja Kiran तुम कौन हो? #मेरी_कलम_से✍️😊 #लव#क्रश#तुम_हो#तुम_कौन_हो