ज़रा सी बात पर अक्सर, क्यों लहज़ा भूल जाते हैं..? खनक सिक्कों की आते ही, क्यों सिकहर भूल जाते हैं..? जो सोना छोड़ आए घर, तरक्की की सनक में हम, क्यों रस्ता भूल जाते हैं..? क्यों बस्ता भूल जाते हैं..? #प्रशांत #NojotoQuote #घर #घर #PrashantKiPoetry #PrashantKaPanna