जुस्तजू है मुझको तुझे पाने की आरजू है तेरे दिल में अपना घर बनाने की और तेरे इश्क में मर मिटा हूं मैं जाम को पानी की तरह पीता हूं मैं शायद तेरे प्यार में घायल हूं मैं फकत इसलिए ही पागल हूं मैं और कितना रुलाओगे मुझे और कितना सताओगे मुझे बस इतना बता दो मुझको कब अपना बनाओगे मुझे teri justuju