" न दोस्त बनाना है न दुश्मन बनाना है जिंदगी कब छीन जाये इसका क्या ठिकाना है जिन्हें पसन्द नही हु उंनसे भी जिन्हें पसन्द हु उनसे भी सबसे मुस्कुरा कर मिलता हु क्योंकी जानता हु सांसों की अपनी पाबंदी है जाने कब इसे खत्म हो जाना है " -विशाल अज्ञात way of life