दिल का शोर इतना भी न कर शोर ऐ दिल इतना कि तेरी चीख यहाँ कोई न सुनने वाला, अक्सर ये दुनिया गूंगी बहरी हो जाती है तब जब हमें किसी अपने की जरूरत हो, अक्सर देखा है हमने सबसे पहले जब हम अपनों से उम्मीद रखते है, तो वही अपने ना उम्मीद करके नसीब के सहारे हमें बीच मझधार में छोड़कर चले जाते है, ऐ दिल चल सीख लें हम दोनों अकेले रहना कोई रहनुमा नहीं अपना यहाँ जो हमारे जज़्बातों को समझ सके, खो गये सब ज़माने की भीड़ में इतना कि अब हम ख़ुद गुमनामी के साये तले खोने को मजबूर हो गये, बहुत शोर होता है मन में मगर सुनने वाला कोई नहीं तन्हा सफ़र के मुसाफ़िर है बस खुद के संग ही चलते जाना है, दूसरी रचना-दिल का शोर ************************** #tarunasharma0004 #trendingquotes #hindipoetry