तू मेरी रूह हो में बसा वो हिस्सा है जिसके साथ मैं हर रोज़ जीता हूं। मेरे रफ़ीक़ मुझे तेरी दोस्ती की हुकुमत से आज़ाद न कर।। #sanjaysheoran #ritiksheoran #साहित्य_सहायक #रफ़ीक़