वक्त मिलता है किसे मिलने-मिलाने के लिये हर कोई मशगूल यहां धाक जमाने के लिये दाम ऊंचे जो हुए फर्क इतना ही पड़ा कोई रातों को खटे रात बिताने के लिये ©SANJEEV JHA #सिस्टम #Teachersday