दर्द का बाजार सजा रखा है.. अधूरी कहानी वालों ने स्यापा लगा रखा है, दर्दो गम की शायरी का ढेर लगा रखा है। जब वक्त होता है तो कुछ कर नहीं पाते, फिर बस अपने दर्द का जहर फैलाए जाते। अगर उस वक्त थोड़ी हिम्मत कर ली होती, तो इनकी जिंदगी में भी खुशियां पल रही होती। पर अब अपने दर्द का भी वह इस्तेमाल कर रहे हैं, बेशर्म वाहवाही बटोरने को दर्द का व्यापार कर रहे हैं। पर शायद दर्द के खरीदारों ने इनका धंधा बड़ा रखा है, इसीलिए इन्होंने अपने दर्द का बाजार सजा रखा है। #marketingofpain दर्द का बाजार सजा रखा है.. अधूरी कहानी वालों ने स्यापा लगा रखा है, दर्दो गम की शायरी का ढेर लगा रखा है। जब वक्त होता है तो कुछ कर नहीं पाते, फिर बस अपने दर्द का जहर फैलाए जाते।