क्या यह वही है क्या यह वही है जो फिर से आई है,इसे देखते ही मन इसे छुने का जिद्द करता है | क्या यह वही है तुम्हे याद होगा जब हम स्कूल की कमरे मे बैठे थे ओर उसके आने का संदेस मिला था | स्कूल की आखरी घण्टी लगने वाली थी और उससे मिलने का बेसबरी से इन्तजार था | आखरी घण्टी की लगते ही बडे तेजी से घर की ओर भागे और वह रास्ते मे मिल ही गई | उससे मिलते ही मन नाचने लगा और उसके साथ जी भर के खेले थे, खेलते खेलते शरिर मे झनझनाहट सा हुआ और अपनी हाथो से गालो को छुआ तो ठण्ड सा महसुस हुआ और ऑखे भी चढ आई थी | अब घर जाने का जी कर रहा था और घर पहुचते ही दादी ने मुस्कुराया और बोली मेरा बच्चा आज फीर उससे मिल कर आया |पापा और भैया ने मुझ पर बहुत गुस्साए और मॉ ने मुझे गर्म पानी से नहलाया था | दादी ने एक परी की कहानी सुनाया था फिर मॉ ने मुझे थपकी देकर सुलाया था क्या यह वही बारिश है| (Govind kumar) kya yah wahi hai