धड़कने तेज और जवाब का अंदाजा रहता है कुछ भी कर गुजरने का वादा पक्का रहता है घर-बार और रिश्ते का ख्वाब पाला करता है फिर चुपके से कह जैसे वो बन्दी हुआ जाता है अजीब से खोने के डर पर प्यार हावी होता है मिले जो ख्यालात फिर कुछ न बाकी रहता है बच्चों को ये जानने की बड़ी बेचैनी रहती है पहले इक़रार-ए-इश्क़ का तज़ुर्बा कैसा होता है satyaprabha💕. पहले प्यार के इकरार का एहसास कैसा होता है?