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बह जाए वो जिस भी रस्ते लहरों की मनमानी है , चट्टान

बह जाए वो जिस भी रस्ते लहरों की मनमानी है ,
चट्टानें तो चट्टानें हैं पानी तो फिर पानी है ......(अज्ञात)
बह जाए वो जिस भी रस्ते लहरों की मनमानी है ,
चट्टानें तो चट्टानें हैं पानी तो फिर पानी है ......(अज्ञात)