नजदीकियां बढ़ाने वाले अक्सर बदल जाते हैं दिल में आशियाना बना चुपके से निकल जाते हैं राह-ए-जिंदगी में तन्हा बढ़ना ही मुनासिब होगा लगे कोई ठोकर भी तो फिर जल्द संभल जाते हैं जो बरसों चले हों तपती धूप में नंगे पांव रहकर वो बारिश तो क्या ओस की बूँद से मचल जाते हैं लगा के आग जो तमाशे का लुत्फ़ लिया करते हैं चिंगारियाँ भड़काने वाले अक्सर खुद जल जाते हैं 'मौन' इस खामोशी का दर्द बयां करें भी कैसे इसकी चीखों से यहाँ सन्नाटे भी दहल जाते हैं तन्हाई के आलम से.... #najdeekiyan #tanhai #khamoshi #amit #maun #yqbaba #yqdidi