आज राखी हे तो ख़ुशी से बहन के हाथों में उपहार बड़ा चंगा दिखेगा। लालकिला तो ठीक पर अब कश्मीर की घाटी में भी प्रतिदिन तिरंगा दिखेगा। और जो भ्रम पाले बैठे हे अनुरोध वो भ्रम अपना दूर करले। जल्द अंतिम वक्त आएगा याद अल्लाह को जरूर करले। ऐसा न हो अंतिम ख्वाहिश अंतिम ही रह जाये फिर। मिट्टी स्विकार न करे सव नाली में ही बह जाये फिर। समय दिया है सुधरने का अब तुम्हे सुधरना चाहिए। वक्त बदला है तो फिर हर एक सक्स बदलना चाहिए। ठण्ड पकड़ी हे तो फिर तनिक भी गर्मी नहीं बताना तुम। तिरंगा शान है देश की नीचे इसके शीश झुकाना तुम। वर्ना ऐसा न हो की हर भारती तुम्हारा काल बन जाये। काल तो ठीक काल विकराल और महाँकाल बन जाये। सुनलो फिर उनका तेज ज्वलनशील क्रोध तुम सह नहीं पाओगे। अभी धरती पर रहते हो फिर जहन्नुम में नहीं रह पाओगे। ।।धीर...✍️ 🇮🇳🇮🇳🇮🇳