दिल ने आवाज को पुकारा आवाज ने कलमों को पुकारा कलमों ने कागज को पुकारा कागज ने फिर से उसे ही लिखा जो सब को पुकार के जोडा ये लेखनी किसी बुखार से कम नहीं हमारे यहाँ हर मुहल्ले में लेखक हैं जिनकी आवाज सुकुन देती है उसके कलम दिल को छूकर जाते है। ©SUREKHA THORAT #आवाज़ #EarthDay2021 A.G.Birajdar Shubhangi Sutar A.G.Birajdar