आदि तू, अनंत भी। तपस्वी तू, गृहस्थ भी। तू ध्यानलीन, तू मलंग अमली। प्रथम उमंग, ऋगवेद तो द्विज गीतांजलि।। तुल्यता, अभिरूता के प्रतीक तुम। नीलकंठ, शंकराय, अर्धनारीश्वरम्।। तीन लोक नौ खंड, तेरा करम। जय जय महादेव, शिव-शंभू ,जय भैरवम्।। Jai mahadev🙏🙏🙏 #lordshiva_mahakal #lordshiva #lordshivaquotes #religious #pray #spirituality #lordshivabhakti