दिल सम्भाल कर रखा था, पर एक अजनबी चुरा ले गया। लूटा कर मोहब्बत मुझ पर, मुझको अपना बना ले गया।। दिखा कर ख़्वाब चाँद तारों की, मेरी निदियाँ चुरा ले गया। करके बेखबर मेरा साहिब मुझे, फ़िर मेरी खबर ले गया।। होता क्या है इश्क़ व मोहब्बत, थी मोहब्बत से नेह अंजान। बनाकर दीवाना, दे दिल अपना, वो नेह दिल चुरा ले गया।। 🌀A challenge by Collab Zone🌟 ✔️समय - 8 May शाम 5 बजे तक ✔️ 4-6 पंक्तीयो में ही रचना लिखनी है । ✔️Collab करने के बाद कमेंट में done लिखना है । वरना हमारी नजरों से आपकी रचना छूट सकती हैं ।