असली नूर असली नूर चलो चलते हैं यहां से कुछ दूर और देख आते हैं उस जहां का नूर चलो आज फूलों सा हैं महकते गमों को ज़रा भूलकर हैं देखते चलो आज कोशिश करते हैं कि दिल से हंसे खुलकर जितने भी हो शिकवे उनको भूलकर चलो आज दूर हो जाते हैं ऐसे ख्यालों से जो है नकारात्मक