बीज नन्हा सा दबा जो उर्वरा धरती के अंदर, पाएगा सर्वस्व इक दिन फूले फलेगा पेड़ बनकर। अभी, जैसे मां के गर्भ में मिल रहा पर्याप्त पोषण, बढ़ रहा हो शिशु कोई पल रहा हो नया जीवन। फिर चीरकर उस गर्भ को ही बाहें समेटे आएगा, पीड़ा नहीं आनंद कह लो जो ममता लपेटे आएगा। अब तक जुड़ा है अब तक समाया, तब तक रहेगी मां की ममता मां की माया, जब तक रहेगा मूल भीतर। जो मिली किरणों की आभा जागृत हुआ चेतन हुआ, बाहें फैलाए जा रहा है वर्धित हुआ जाता निरंतर। जो बीज नन्हा सा दबा था उर्वरा धरती के अंदर, पौध वो अब बन चुका है फूले फलेगा पेड़ बनकर। #NojotoQuote नन्हा बीज/ सोमेश त्रिवेदी बीज नन्हा सा दबा जो उर्वरा धरती के अंदर, पाएगा सर्वस्व इक दिन फूले फलेगा पेड़ बनकर। अभी, जैसे मां के गर्भ में