आफ़ताब-ए-जिस्म सुलगता,मेरा प्यासा दिल का समंदर महबूब तेरे इश्क़ के आबशारों नग़्मगी की मुझे ज़रूरत। ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के। 😊 ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें। 💐 ♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की। ♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।