part 3"तुम बिन " छुपाते क्यूँ हो, बताते क्यूँ नहीं? प्यार करते हो, फिर जताते क्यूँ नहीं???? मैं तो नाचीज थी, समझा तूने प्यार के काबिल अब तू ही मेरी चाहत, अब तू हीमेरी मंजिल तुझे संग लेकर अपने मैंने देखे हैं कितने ख़्वाब........ करती हूँ इंतजार तेरा कब प्यार का दे तू जवाब इक काँच की तरह कहीं टूट न जाए मेरे सपने "तुम बिन "सब पराए है, जो भी हैं मेरे अपने मेरी बिखरी हुई तक़दीर को आकर सजाते क्यूँ नहीं....... प्यार करते हो जताते क्यूँ नहीं???....... #part 3#तुम बिन #the end