"आवाज़ तेरी सुनकर" (An imagination) (Read full poem in caption) आवाज़ तेरी सुनकर इक आवाज़ आती है, आवाज़ तेरी सुनकर ये धड़कन जाग जाती है, जी करता है तेरी आवाज़ को कहीं छुपा के रख लूँ मैं, के आवाज़ तेरी सुनकर मुझे वो याद आती है..!! आवाज़ तेरी सुनकर मन खुश हो जाता है, आवाज़ तेरी सुनकर दिल खुद खो जाता है, जी करता है तेरी आवाज़ को अपना बना लूँ मैं,