तेज़ चलती ट्रेन से, आंखों से ओझल होता एक हसीन मंज़र हो तुम जी भर कर देखने की चाह थी पलट के जो देखना चाहा फिर तुम्हें देखा, काफ़ी दूर निकल गया था मैं #भरत #कुछ_भी #shivendra0110 #insta #nojoto #nojotohindi #safar #mohhbat #zindagi