ख़ामोश मेरी लबें होंगी बोलती आंखों से इजहार होगा मन स्थिर और धड़कन में रफ्तार होगा होठों पे मुस्कान पर आंखों में थोड़ा पानी होगा लफ्जों से न कुछ कहूंगी एहसासों से सब बयां होगा पलकें खुद ही झुक जाएंगी जब - जब उनका दीदार होगा। #प्यार #इजहारएमोहब्बत #हिंदीकविता