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कुछ ख़्वाब थे जो रह गए आधे अधूरे आँख में शीशा

कुछ  ख़्वाब  थे  जो  रह  गए  आधे अधूरे आँख में
शीशा  कोई   टूटा  सनम   खंज़र   बने  चुभने  लगे !

कोसा बहुत जी भर तुम्हें हर ज़ख्म मुझको याद था
पर क्यों सितमगर  तुम मुझे अच्छे अभी लगने लगे !

©malay_28
  #सितमगर