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ज़िन्दगी उस चाँद के समान से प्रतीत होने लगी है जिसम

ज़िन्दगी उस चाँद के समान से प्रतीत होने लगी है जिसमे मेरा होना न होना सब एक समान है ••••अब खुद ही देख लो जब चांद चमकता है तब दुनिया घरो मैं बैठी होती है या सो रही होती है।
-दीपक सिंह रावत Be like the sun not the moon..
#StreetNight
ज़िन्दगी उस चाँद के समान से प्रतीत होने लगी है जिसमे मेरा होना न होना सब एक समान है ••••अब खुद ही देख लो जब चांद चमकता है तब दुनिया घरो मैं बैठी होती है या सो रही होती है।
-दीपक सिंह रावत Be like the sun not the moon..
#StreetNight