सुबह के इंतजार में न जाने कब, फिर से शाम हो जाती है रौशनी की उम्मीद में अपनी दोस्ती, अंधकार से भी हो जाती है जब कोई रास्ते नहीं मिलते तो भी, मुसाफिरों सी मुस्कान हो जाती है मंजिल की चाह में इरादों की उम्मीद फिर से और मज़बूत बन जाती है #life #thoughts #manjil #destination #result #andhkar #dosti #ummid #musafir #muskan #khamoshi #nojoto #nojotohindi