#OpenPoetry खुला आसमां हसीन वादियाँ झरनों की झर झर वो बहता हुआ पानी जरा जरा महक उठा है मुहब्बत की रवानी न बुढापा न जवानी मेरे सपनों की कहानी फूलो के दामन में नहीं कांटो की मनमानी वहाँ रात को होता अंधकार नही वहाँ इज्जत किसी की लूटी नही वहां दोस्ती का होता दिखावा नही वहाँ रिश्तो का होता सौदा नही ए इंसान तुझे मचलने की जरूरत नहीं ये मेरा सपना है कोई हक़ीक़त नहीं #OpenPoetry #waha_ek_dunya