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वन्दे वांछितलाभाय, चंद्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढ़ा

वन्दे वांछितलाभाय, चंद्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ा शूलधरां, शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
(मैं मनोवांछित लाभ के लिए अपने मस्तक पर अर्धचंन्द्र धारण करने वाली, वृष पर सवार रहने वाली, शूलधारिणी और यशस्विनी मां शैलपुत्री की वंदना करती हूं।।)

©Bhaरती
  #navratri_1_मां_शैलपुत्री 😍