*** एक तस्वीर है मेरे पास में *** " खैर बात छेड़ी ही है तो , कुछ और भी बात कर लेने दे , उलझन में ना रहे अब हसरतें मेंरी , मेरे मुहब्बत को और निहार लेने दे , समेत सकु और भी चाहते उसकी , मेरा खाली दिल उसकी , मुहब्बत , चाहतों से संजो सकु .. " --- रबिन्द्र राम #उलझन #हसरतें #निहार #समेत #मुहब्बत #संजो