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# मौजूद शिक्षकों को डीएम ने दिलाय | Hindi Video

मौजूद शिक्षकों को डीएम ने दिलायी निपुण शपथ 

बहराइच । निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत शिक्षक संकुलों की क्षमता संवर्द्धन के उद्देश्य से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पयागपुर के तत्वावधान में विकास खण्ड चित्तौरा के सभागार में आयोजित तीन दिवसीय शिक्षक संकुल कार्यशाला का मुख्य अतिथि जिलाधिकारी मोनिका रानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया तथा मौजूद संकुल प्रभारियों को निपुण शपथ भी दिलाई। कार्यशाला के प्रथम दिन विकास खण्ड पयागपुर, विशेश्वरगंज, चित्तौरा, हुज़ूरपुर व तेजवापुर के शिक्षकों का निपुण विद्यालय बनाने हेतु क्षमता संवर्द्धन किया गया।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि आप सबके बीच आकर मुझे घर आने जैसा एहसास हो रहा है। डीएम ने कहा कि उन्होंने स्वयं सरकारी विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा ग्रहण की है और उनका शुरूआती कैरियर भी शिक्षक के रूप में रहा है। डीएम ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के शिक्षण संस्था में कमोबेश 06 वर्षों तक शिक्षण का कार्य किया है। डीएम ने कहा कि विद्यालय एक स्कूल नहीं बल्कि पूजा स्थल के समान है। इस स्थान की पवित्रता को बनाएं रखें। विद्या के मन्दिर को हमेशा साफ-सुथरा रखें इससे नकारात्मक ऊर्जा के स्थान पर बच्चों में पॉज़ीटिव एनर्जी का संचार होगा। 
डीएम ने कहा कि परीषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के समक्ष एक अलग तरह की चुनौती है। क्योंकि देखने में यह आता है कि गरीब परिवार के बच्चे ही सरकारी स्कूलों में आते हैं। क्षमता संवर्द्धन कार्यशाला के माध्यम से आपको यह सिखाया जाएगा कि विद्यालय आने वाले बच्चों को आपके माध्यम से उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दिलाई जाए ताकि योग्यता के आधार पर परीषदीय विद्यालयों के बच्चे कान्वेन्ट स्कूलों के बच्चों से किसी मायनों में पीछे न रहे। डीएम ने कहा कि शिक्षक का कार्य मात्र शिक्षा देने तक ही सीमित नहीं है। एक शिक्षक कुम्हार की चाक और बच्चे उस पर रखी गीली मिट्टी के समान है। अब यह शिक्षक की जिम्मेदारी है कि वह गुरू और अभिभावक की भूमिका का निर्वहन करते हुए बच्चे के बौद्धिक विकास के साथ-साथ उसके चरित्र का भी निर्माण करें।
डीएम ने शिक्षकों का आहवान किया कि आप अपने कैरियर को एक अवसर के रूप में लें। समाज में शिक्षकों का वह सम्मान है जो दूसरे कैरियर में शीर्ष पर बैठे लोगों को भी नसीब में नहीं है। बच्चों को अपने बच्चे समझते हुए उन्हें गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करें ताकि जब वहीं बच्चें समाज में ऊंचा मकाम हासिल करेंगे तो आपको ऐसा एहसास होगा जैसे आपके बेटे या बेटी ने सफलता अर्जित की है। 
डीएम मोनिका रानी ने शिक्षकों
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Ravendra

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मौजूद शिक्षकों को डीएम ने दिलायी निपुण शपथ बहराइच । निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत शिक्षक संकुलों की क्षमता संवर्द्धन के उद्देश्य से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पयागपुर के तत्वावधान में विकास खण्ड चित्तौरा के सभागार में आयोजित तीन दिवसीय शिक्षक संकुल कार्यशाला का मुख्य अतिथि जिलाधिकारी मोनिका रानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया तथा मौजूद संकुल प्रभारियों को निपुण शपथ भी दिलाई। कार्यशाला के प्रथम दिन विकास खण्ड पयागपुर, विशेश्वरगंज, चित्तौरा, हुज़ूरपुर व तेजवापुर के शिक्षकों का निपुण विद्यालय बनाने हेतु क्षमता संवर्द्धन किया गया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि आप सबके बीच आकर मुझे घर आने जैसा एहसास हो रहा है। डीएम ने कहा कि उन्होंने स्वयं सरकारी विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा ग्रहण की है और उनका शुरूआती कैरियर भी शिक्षक के रूप में रहा है। डीएम ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के शिक्षण संस्था में कमोबेश 06 वर्षों तक शिक्षण का कार्य किया है। डीएम ने कहा कि विद्यालय एक स्कूल नहीं बल्कि पूजा स्थल के समान है। इस स्थान की पवित्रता को बनाएं रखें। विद्या के मन्दिर को हमेशा साफ-सुथरा रखें इससे नकारात्मक ऊर्जा के स्थान पर बच्चों में पॉज़ीटिव एनर्जी का संचार होगा। डीएम ने कहा कि परीषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के समक्ष एक अलग तरह की चुनौती है। क्योंकि देखने में यह आता है कि गरीब परिवार के बच्चे ही सरकारी स्कूलों में आते हैं। क्षमता संवर्द्धन कार्यशाला के माध्यम से आपको यह सिखाया जाएगा कि विद्यालय आने वाले बच्चों को आपके माध्यम से उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दिलाई जाए ताकि योग्यता के आधार पर परीषदीय विद्यालयों के बच्चे कान्वेन्ट स्कूलों के बच्चों से किसी मायनों में पीछे न रहे। डीएम ने कहा कि शिक्षक का कार्य मात्र शिक्षा देने तक ही सीमित नहीं है। एक शिक्षक कुम्हार की चाक और बच्चे उस पर रखी गीली मिट्टी के समान है। अब यह शिक्षक की जिम्मेदारी है कि वह गुरू और अभिभावक की भूमिका का निर्वहन करते हुए बच्चे के बौद्धिक विकास के साथ-साथ उसके चरित्र का भी निर्माण करें। डीएम ने शिक्षकों का आहवान किया कि आप अपने कैरियर को एक अवसर के रूप में लें। समाज में शिक्षकों का वह सम्मान है जो दूसरे कैरियर में शीर्ष पर बैठे लोगों को भी नसीब में नहीं है। बच्चों को अपने बच्चे समझते हुए उन्हें गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करें ताकि जब वहीं बच्चें समाज में ऊंचा मकाम हासिल करेंगे तो आपको ऐसा एहसास होगा जैसे आपके बेटे या बेटी ने सफलता अर्जित की है। डीएम मोनिका रानी ने शिक्षकों #न्यूज़

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