अंधेरा सा छाया है हर तरफ हाहाकार सा मचा हुआ हैं..... दवा भी ना मिल रहे, ये कैसी रोग आया हुआ है..... आंखों में आसूं , हर इंसान रो रहे हैं... ये कैसी बिपदा है ??? जिसमे सिर्फ खो रहे है..... धैर्य का बांद टूट रहा , अश्रु की नदिया बह रही है... ये कैसी मोड़ पर आ गए सब, हर तरफ मातम सा छा रही है..... अब बस, रब तू ही कर कुछ विपदा से मुक्ति दिला... अब रोक तूही इसे, तेरे सिवा कोई और रास्ता न मिला.... -Prasenjit #pray_to_god