ख़्वाब की ज़िंदगी नहीं मिलती, सबको अपनी ख़ुशी नहीं मिलती, दोस्त मिलते हैं हज़ारों लेकिन, यार अब दोस्ती नहीं मिलती... #धनंजय #poetry #friendshipday #oldfriends