देश के खातिर अधिकार नही कर्तव्यों को निभाना है, आये जो आँच मेरे वतन पर शमशीर फिर बन जाना है, ये लहू किस काम का जो मेरे वतन के ही काम न आये, ऐसे रंग तिरंगा लहू से सरहद पर मुझे आज फहराना है, बन नवल किरनपुंज ऐसे अद्वितीय से अद्भुत नवाचार हो, बन जाये विश्व गुरु फिर से राष्ट्र मेरा ऐसा प्रचार कराना है। प्रतियोगिता क्रमांक:- 14 👉पोस्ट को हाई लाइट करना ना भूले 👉कृपया पिन पोस्ट जरूर पढ़े 👉कृपया कॉलब करने के बाद ऑप्शन बंद कर दे 👉6 पंक्तियों में रचना लिखे 👉हैशटैग #apki_lekhani #apk_lekhani #देशकीखातिर बरकरार रखे 👉समय सीमा आज रात 10 बजे तक 👉मात्र त्रुटियों का ध्यान रखे