NDA सरकार ने वर्ष 2014 से लेकर 2019 तक विज्ञापन में कुल ₹5200 करोड खर्च किये । इसका मतलब लगभग 3 करोड़ रुपये प्रतिदिन। ये महज कागज के टुकडे नहीं थे,जो व्यर्थ ही बहा दिये गये। देश के नागरिकों, करदाताओं की कडी मेहनत का परिणाम थे। और राष्ट्र की प्रगति के लिए नागरिकों का समर्पण। 5 वर्ष कम नहीं थे आदरणीय ! कहाँ हैं आदर्श ग्राम, कहाँ हैं स्मार्ट सिटी, कहाँ हैं रोजगार, कहाँ ले जा रही है स्कूली शिक्षा, क्या हुआ नोटबंदी से, और पर्यावरण तो आज भी कोई मुद्दा ही नहीं है।