कही ईसा, कहीं मौला, कहीं भगवान रहते है; हमारे हाल से शायद सभी अंजान रहते हैं; चले आये, तबीयत आज भारी सी लगी अपन सुना था आपकी बस्ती में कुछ इंसान रहते है। अकरम बलरामपुरी✍️ ©Akram balrampuri अकरम बलरामपुरी #youandme