तुम्हारी आँखे कुछ कहती हैं इनको कहने दो मत छुपा के रखो अपनी आंखों को ये जो कहती हैं इनको कहने दो अधरों से प्रस्फुटित नहीं होते जो शब्द मौन आँखों को वो कहने दो कमज़ोर पड़ जाते हैं शब्द मन से अधरों तक आते आते ऊर्जा से भरे मौन शब्दों को ऑंखों से बातें करने दो आँखे जो बोल पाती हैं,वो बात शब्दों में नहीं शब्दों के दायरों से बाहर आँखों को अपनी भाषा कहने दो ©Richa Dhar #sunkissed तुम्हारी आँखे